वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क प्रोवाइडर एटलस वीपीएन के मुताबिक दुनियाभर में फिशिंग वेबसाइट्स की संख्या 5 लाख से ज्यादा। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
- बीते 5 महीने में फिशिंग वेबसाइट्स की संख्या में 350% इजाफा
- एक्सपर्ट की सलाह- ईमेल या मैसेज से आने वाले संदिग्ध लिंक पर क्लिक नहीं करें
कोरोना संकट में लोग जरूरत के सामानों के लिए ऑनलाइन शॉपिंग और पेमेंट के लिए डिजिटल विकल्प अपना रहे हैं। इस बीच ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले भी सक्रिय हैं, ठगी के लिए वे नए-नए तरीके अपना रहे हैं। इसके लिए वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से भी जानकारियां जुटा रहे हैं। इसीलिए, कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम ऑफ इंडिया (सीईआरटी-इन) ने हाल ही में बढ़ते साइबर हमलों को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी है। कोरोना संकट के बाद से निजी डेटा चोरी के लिए फिशिंग अटैक सबसे ज्यादा हो रहे हैं। वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क प्रोवाइडर एटलस वीपीएन के मुताबिक, फिशिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली वेबसाइट्स की संख्या में जनवरी से अब तक 350% इजाफा हुआ है। दुनियाभर में ऐसी वेबसाइट्स की संख्या 5 लाख से ज्यादा है।
ऑनलाइन फ्रॉड से कैसे बचें?
फोन कॉल फिशिंग या विशिंग: यह आम तौर पर एक फोन कॉल के जरिए होता है। फ्रॉड करने वाला कस्टमर की क्रेडिट कार्ड कंपनी या बैंक का एग्जीक्यूटिव बनकर फोन करता है। वह कस्टमर के कार्ड की डिटेल, सीवीवी और ओटीपी जैसी जानकारियां मांगता है। कैसे बचें: बैंक इस तरह की कॉन्फिडेंशियल जानकारी नहीं मांगते, इसलिए ऐसा कॉल आने पर जानकारी नहीं देनी चाहिए।
ईमेल फिशिंग: फ्रॉड के लिए ऐसे ईमेल डिजाइन किए जाते हैं जो किसी बैंक या सरकारी एजेंसी की ओर से भेजे हुए लगें। इन ईमेल के जरिए भेजे गए लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है। क्लिक करते ही यूजर की जानकारियां फ्रॉड करने वाले तक पहुंच जाती हैं। कैसे बचें: ऐसे मेल में स्पेलिंग या ग्रामेटिकल गलतियां होती हैं। यूआरएल पर भी ध्यान देना चाहिए। जिसके नाम से मेल भेजा गया हो उसका कोई पुराना असली मेल हो तो उससे मिलान करें। संदिग्ध लिंक पर क्लिक नहीं करें।
टेक्स्ट मैसेज फिशिंग: फ्रॉड करने वाला मोबाइल पर टेक्स्ट मैसेज के जरिए लिंक भेजता है। यूजर को बहकाकर या कई बार खाता बंद होने का रिस्क बताकर कॉन्फिडेंशियल जानकारी हासिल कर ली जाती है। कैसे बचें: लिंक को क्लिक नहीं करें। बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर कॉल कर बताएं।
वेबसाइट फिशिंग: इसमें एक असामान्य पॉप-अप वेबसाइट पर दिखता है, जो लॉटरी के बदले में आपके बैंक खाते की डिटेल देने के लिए कहता है। कैसे बचें: स्पेलिंग मिस्टेक देखने के साथ संस्था के लोगो को भी चेक करें। ई-कॉमर्स वेबसाइट यूज करते वक्त ’http’ की बजाय 'https' लिंक का उपयोग करना चाहिए।
सोशल मीडिया फिशिंग: किसी अनजान व्यक्ति से एक पोस्ट के साथ एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आती है। इसके साथ ही पर्सनल इन्फॉर्मेशन मांगने के लिए लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है।
कैसे बचें: अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट आए तो एसेप्ट करने से पहले जांच करें कि वह आप तक कैसे पहुंचा और दोस्ती क्यों करना चाहता है? ऐसे लोगों से निजी जानकारी शेयर नहीं करनी चाहिए।